पढ़ाई में वो मेरी मदद पूरी तल्लीनता से करती थी । पढ़ाई में वो मेरी मदद पूरी तल्लीनता से करती थी ।
कोई रिश्ता था नहीं फिर भी रिश्ते बन गए। कोई रिश्ता था नहीं फिर भी रिश्ते बन गए।
पर अब मुझे भैया को उनके भंवर से निकालना है।" पर अब मुझे भैया को उनके भंवर से निकालना है।"
मैं और मेरे पिताजी पानी की तरह हैं, जो कभी अलग नहीं हो सकतें। मैं और मेरे पिताजी पानी की तरह हैं, जो कभी अलग नहीं हो सकतें।
दोस्तों आप सब भी सुधा के तरह अपने शहर और अपने घरों में रहिये और सुरक्षित रहो। दोस्तों आप सब भी सुधा के तरह अपने शहर और अपने घरों में रहिये और सुरक्षित रहो।
" अच्छा " दोनों ने एक साथ कहा और हँसने लगी। " अच्छा " दोनों ने एक साथ कहा और हँसने लगी।